बिहार की सियासत इन दिनों एक ऐसी खबर से हिल चुकी है, जिसने ना सिर्फ राजद परिवार को बल्कि करोड़ों लोगों को चौंका दिया है।
लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने अचानक घर छोड़ दिया — और कहा कि अब उनका ‘किसी से कोई रिश्ता नहीं।’
🔴 रोहिणी आचार्या का बड़ा दावा — “मुझे परिवार से बाहर कर दिया गया”
चुनाव के नतीजों के बाद रोहिणी आचार्या ने सोशल मीडिया पर एक के बाद एक बड़े बयान दिए।
उनके शब्दों में:
“अब मेरा कोई परिवार नहीं है… मुझे खुद मेरे अपनों ने बाहर कर दिया।”
ये बयान सुनकर हर कोई हैरान रह गया।
लेकिन जब उन्होंने दो नाम लेकर आरोप लगाए—तभी पूरा मामला फट पड़ा।
🔍 आखिर कौन हैं ‘संजय यादव’ और ‘रमीज़’, जिनका नाम रोहिणी ने लिया?
1️⃣ संजय यादव — तेजस्वी यादव के ‘सबसे करीबी रणनीतिकार’
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हरियाणा के रहने वाले
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लंबे समय से तेजस्वी यादव के ‘शैडो एडवाइज़र’ माने जाते हैं
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चुनावी रणनीति, सोशल मीडिया टीम, और आंतरिक राजनीतिक निर्णयों में खास भूमिका
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कई मीडिया रिपोर्ट्स में इन्हें “Tejashwi’s Brain Room” भी कहा जाता है
रोहिणी का आरोप है—
“चुनावी हार पर मेरी बात रखने की वजह से संजय यादव ने मुझे अपमानित किया।”
2️⃣ रमीज़ नेमत — तेजस्वी के पुराने भरोसेमंद दोस्त
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उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के निवासी
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छात्र राजनीति और युवजन संगठनों से तेजस्वी के साथ पुराने रिश्ते
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तेजस्वी के निजी और राजनीतिक सर्कल में बेहद करीबी माने जाते हैं
रोहिणी के अनुसार—
“मुझ पर गालियाँ दी गईं, बद्तमीज़ी की गई, और मुझे परिवार से बाहर धकेलने की कोशिश की गई।”
इन दोनों नामों के आने के बाद पूरा राजनीतिक माहौल गरम हो गया।
🔥 परिवार में क्या हुआ? अंदर की कहानी क्या है?
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, चुनाव हारने के बाद RJD के अंदर माहौल तनावपूर्ण था।
रोहिणी खुलकर कह रही थीं कि:
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चुनाव में गलत रणनीति बनी
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जमीन पर संगठन कमजोर था
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नेताओं को गलत सलाह दी गई
कहा जा रहा है कि उनके इन्हीं सवालों पर विवाद बढ़ गया और विवाद व्यक्तिगत स्तर तक पहुंच गया।
रोहिणी के आरोपों के मुख्य बिंदु:
✔ उन्हें सवाल उठाने पर चुप करवाया गया
✔ राजनीतिक मामलों में बोलने से रोका गया
✔ गाली-गलौज की गई
✔ चप्पल से मारने तक की नौबत आई (उनके आरोप)
✔ परिवार की बैठक में उन्हें नजरअंदाज किया गया
यही कारण है कि रोहिणी ने भावुक होकर लिखा—
“अब मेरा किसी से कोई संबंध नहीं।”
🚨 लालू यादव परिवार में इतनी बड़ी दरार क्यों?
लालू यादव परिवार में राजनीति हमेशा चर्चा का विषय रही है।
तेजस्वी यादव को पार्टी में सबसे ऊंचा स्थान मिलने के बाद से ही अंदरूनी राजनीति की खबरें आती रहती हैं।
कुछ राजनीतिक जानकारों का विश्लेषण:
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परिवार में सत्ता का केंद्र एक ही जगह है
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नए लोग (जैसे संजय और रमीज़) तेजस्वी के फैसलों को प्रभावित करते हैं
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कई पारिवारिक सदस्यों को लगने लगा है कि उन्हें दरकिनार किया जा रहा है
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चुनाव हार ने तनाव को और बढ़ा दिया
रोहिणी का बयान उसी तनाव की सबसे बड़ी सार्वजनिक झलक है।
💥 सोशल मीडिया पर बवाल — जनता दो हिस्सों में बंटी
रोहिणी के ट्वीट वायरल होते ही:
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उनके समर्थन में हजारों पोस्ट आए
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कई लोग बोले — “एक बेटी का दर्द समझो”
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वहीं कुछ लोग इसे चुनावी रणनीति भी बता रहे हैं
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विरोधी दलों ने इसे मुद्दा बनाकर राजद पर हमला शुरू किया
🔥 क्या अब रोहिणी राजनीति छोड़ देंगी या नया मोड़ आएगा?
उन्होंने लिखा है कि अब उनका राजनीति से कोई संबंध नहीं।
लेकिन राजनीतिक जानकार मानते हैं:
“जो व्यक्ति इतना बड़ा बयान देता है, वह अक्सर किसी नई दिशा में कदम बढ़ाता है।”
यानी आने वाले दिनों में:
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रोहिणी किसी नए मंच पर जा सकती हैं
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किसी सोशल या पॉलिटिकल कैंपेन की शुरुआत कर सकती हैं
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या खुलकर परिवार के खिलाफ और खुलासे कर सकती हैं
ये मामला अभी खत्म नहीं हुआ—बल्कि यहां से शुरुआत हुई है।
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📌 Rapid Samachar विश्लेषण — यह मामला इतना बड़ा क्यों बना?
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लालू यादव का परिवार — बिहार की सबसे प्रभावशाली राजनीतिक फैमिली
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घर की लड़ाई का सार्वजनिक होना — बड़ा झटका
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दो करीबी सलाहकारों पर आरोप — पहली बार खुलकर निशाना
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चुनाव हार के तुरंत बाद विवाद — समय ने इसे और भी गंभीर बना दिया
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भावनात्मक बयान — जनता का ध्यान तुरंत इस तरफ गया
इसलिए यह मामला अब सिर्फ “परिवार का विवाद” नहीं,
पूरा राजनीतिक तूफान बन चुका है।
आने वाले दिनों में और खुलासे हो सकते हैं।
Rapid Samachar इस पूरे मामले पर लगातार नज़र बनाए हुए है।






